प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) – एक विस्तृत विवरण

परिचय:

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) भारत सरकार की एक क्रांतिकारी सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले से शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य था कि गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन व्यतीत कर रहीं महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के ईंधन – एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) कनेक्शन प्रदान किया जाए, ताकि वे पारंपरिक और हानिकारक ईंधनों जैसे लकड़ी, कोयला, गोबर आदि पर निर्भर न रहें।


योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी?

भारत के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अब भी अधिकांश घर खाना पकाने के लिए पारंपरिक और अशुद्ध ईंधनों जैसे लकड़ी, उपले, कोयला आदि का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में निकलने वाला धुआं महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला जो दिन भर इस प्रकार के ईंधनों के धुएं के संपर्क में रहती है, वह एक दिन में लगभग 400 सिगरेट के बराबर धुआं अपने अंदर लेती है। इससे उन्हें श्वसन संबंधी बीमारियाँ, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, और यहां तक कि समय से पहले मृत्यु की भी आशंका रहती है।

इस सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की ताकि हर घर तक स्वच्छ ईंधन पहुंचे और “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” का संदेश जन-जन तक पहुंचे।


योजना के मुख्य उद्देश्य:

  1. अशुद्ध ईंधनों पर निर्भरता घटाना।
  2. महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें धुएं से मुक्त वातावरण प्रदान करना।
  3. स्वास्थ्य सुधार, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों में।
  4. घर के अंदर होने वाले प्रदूषण को कम करना।
  5. एलपीजी कनेक्शन का दायरा ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाना।
  6. पर्यावरण की रक्षा करना।
  7. ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को समर्थन देना, क्योंकि उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण (सिलेंडर, रेगुलेटर आदि) देश में ही निर्मित होते हैं।

योजना के लाभ:

  1. प्रत्येक पात्र लाभार्थी महिला को ₹1600 की नकद सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
  2. 14.2 किग्रा या 5 किग्रा के एलपीजी सिलेंडर के लिए सुरक्षा जमा राशि सरकार वहन करती है।
  3. डिस्ट्रीब्यूटर को दिए जाने वाले इंस्टॉलेशन और डेमो चार्ज भी योजना में शामिल हैं।
  4. डीजीसीसी पुस्तिका (बुकलेट) मुफ्त प्रदान की जाती है।
  5. प्रेशर रेगुलेटर और गैस नली की लागत सरकार द्वारा वहन की जाती है।
  6. जरूरतमंद लाभार्थियों को EMI सुविधा के माध्यम से गैस स्टोव और पहली रिफिल प्रदान की जाती है।

योजना का विस्तार:

जब इस योजना की शुरुआत हुई थी, तब इसका लक्ष्य था कि 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। लेकिन वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 8 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया।


योजना का क्रियान्वयन:

इस योजना का संचालन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
श्री धर्मेंद्र प्रधान, जो कि उस समय के पेट्रोलियम मंत्री थे, योजना के प्रमुख क्रियान्वयनकर्ता रहे हैं।


पूरक पहल: ‘सब्सिडी छोड़ो’ अभियान:

इस योजना के समर्थन में एक और अभियान शुरू किया गया जिसे ‘सब्सिडी छोड़ो’ नाम दिया गया। इसकी शुरुआत मार्च 2015 में हुई थी।
इसके अंतर्गत सक्षम एलपीजी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया गया कि वे स्वेच्छा से अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दें, जिससे सरकार गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को आसानी से सब्सिडी और कनेक्शन दे सके।
इस अभियान से बड़ी संख्या में लोगों ने जुड़कर समाज में बदलाव लाने में योगदान दिया।


टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर:

सरकार ने इस योजना से संबंधित किसी भी सहायता, शिकायत या जानकारी के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर – 1800-266-6696 भी जारी किया है। इसके माध्यम से लोग योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना न केवल एक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण का कार्यक्रम है, बल्कि यह सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह योजना ग्रामीण भारत में बदलाव की एक लहर लेकर आई है, जहाँ महिलाएं अब स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर न केवल अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर रही हैं, बल्कि समाज में एक सम्मानजनक जीवन जीने की ओर अग्रसर हैं।


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